Friday, February 14, 2020

मध्यप्रदेश में जनजातीय परिदृश्य

जनजाति अथवा आदिवासी ऐसे मानव समूह है जो विकास के सोपान में सबसे निचले पायदान पर है


शब्दकोश के अनुसार जनजाति एक सामाजिक समूह है जो प्राय निश्चित भूभाग पर निवास करता है जिसकी अपनी भाषा सभ्यता तथा सामाजिक संगठन होता है.
गोंड मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति होने के साथ-साथ भारत की सबसे बड़ी जनजाति है गोंड जनजाति लगभग संपूर्ण मध्यप्रदेश में फैली हुई है विशेषकर पूर्व दक्षिणी जिलों में.


मध्य प्रदेश की गोंड जनजाति में भाई का लड़का और बहन की लड़की अथवा भाई की लड़की और बहन का लड़का में विवाह का प्रचलन है जिसे यह लोग दूध लौटा वा कहते हैं.
मध्य प्रदेश की गोंड जनजाति व्यवसाय के आधार पर कई उप जातियों में विभाजित है जैसे लोहे का काम करने वाले वर्ग अगरिया और मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले प्रधान तथा पंडिताई का तांत्रिक क्रिया करने वाले ओझा कहे जाते हैं.


गोंड जनजाति में पर द्वारा बदले नहीं चुकाने की स्थिति में है भाभी ससुर की सेवा करता है जिससे खुश होकर उसे कन्या दे दी जाती है इसे सेवा विवाह कहां जाता है तथा वह व्यक्ति  ही लामा नाई कहलाता है.
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति भील है और जिसका मुख्य केंद्र करण प्रदेश के पश्चिमी धार झाबुआ और पश्चिमी निमाड़ यह मध्य प्रदेश के अतिरिक्त राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात में भी पाई जाती है.
भील शब्द संस्कृत भाषा तथा भिन्न शब्द से बना है यह भी माना जाता है कि भील शब्द द्रविड़ भाषा के बिल या बिल से आया है जिसका अर्थ तीर होता है.


जनजातियों में विवाह की अनेक प्रथाएं पाई जाती है इनमें अपहरण विवाह अर्थात कन्या का अपहरण करके विवाह करना बहुत प्रचलित है.
गोल गधेड़ो मध्य प्रदेश की भील जनजाति द्वारा होली के अवसर पर आयोजित किया जाता है उसे तोड़कर लड़का पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करता है जबकि लड़कियां रोकती है ..


मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में आयोजित भगोरिया हाट भीलो का प्रसिद्ध प्रणय पर्व है जो होली के अवसर पर आयोजित होता है इसमें भीड़ युवक युवतियां अपने पसंद की लड़का लड़की से विवाह करते हैं बैगा मध्य प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में निवास करने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति है यह मंडला बालाघाट शहडोल तथा सीधी में पाई जाती है जबकि भील पश्चिमी मध्य प्रदेश कोर कु दक्षिणी क्षेत्र में निवासरत है.
मध्य प्रदेश की बैगा जनजाति कृषि स्थलों को बदलती रही है जिसे  पोंडू कहा जाता है जबकि पारी नायक खेती पद्धति gond जनजाति द्वारा अपनाई  जाती है.


मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति भील है दूसरी बड़ी जनजाति गोंड है इनके अतिरिक्त बैगा चक क्षेत्र बैगा तथा उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र की शायरियां जनजाति भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है बैगा मध्य प्रदेश की पिछड़ी जनजाति है जो साज वृक्ष को पवित्र मानती है.



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